द फॉलोअप डेस्क
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025-26 पेश कर दिया है, जिसमें भारत के पड़ोसी देशों के लिए भी आर्थिक सहायता आवंटित की गई है। हाल ही में बांग्लादेश के साथ जारी तनाव के बावजूद, भारत ने ढाका के लिए 120 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की है, लेकिन इसमें कोई वृद्धि नहीं की गई है। यह फैसला बांग्लादेश सरकार को स्पष्ट संदेश देने के रूप में देखा जा रहा है। गौरतलब है कि भारत और बांग्लादेश के बीच पिछले वर्ष से संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं। शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद, बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा की कई घटनाएं सामने आईं, जिससे दोनों देशों के बीच कूटनीतिक माहौल प्रभावित हुआ।
भारत की 'पड़ोसी फर्स्ट' नीति के तहत हर वर्ष विभिन्न पड़ोसी देशों को वित्तीय सहायता दी जाती है। इस साल मालदीव से संबंध बेहतर होने के चलते उसकी सहायता राशि बढ़ाकर 600 करोड़ रुपये कर दी गई है। वहीं, बांग्लादेश की मदद में कोई इजाफा न करना उसके लिए किसी झटके से कम नहीं माना जा रहा है।
पिछले वर्षों की तुलना में, 2023-24 में भारत ने बांग्लादेश को 157 करोड़ रुपये की सहायता दी थी, जो 2024-25 में घटाकर 120 करोड़ रुपये कर दी गई। अब 2025-26 में भी यह राशि 120 करोड़ रुपये ही रखी गई है। इसी तरह, श्रीलंका को 2023-24 में 119 करोड़ रुपये दिए गए थे, जिसे 2024-25 में बढ़ाकर 300 करोड़ रुपये कर दिया गया था और इस वर्ष भी यह राशि बरकरार रखी गई है। भारत का यह बजट निर्णय पड़ोसी देशों के साथ उसके कूटनीतिक रिश्तों को दर्शाता है और यह संकेत देता है कि भारत अपनी विदेश नीति को संतुलित रखते हुए रणनीतिक निर्णय ले रहा है।